My Novel Prapatti - Sharangat--- Story line – Surrender – मराठवाड़ा औरंगाबाद ज़िले मे कन्नड़ नाम का एक छोटा सा गाँव है, जो चारों तरफ से खूबसुरत ऊंचे ऊंचे पहाड़ों से घिरा हुआ है ! गाँव मे हर ज़ाती धर्म के लोग बसते हैं, लेकिन ऊंची ज़ाती के लोगों का गाँव मे दबदबा और बोलबाला रहता हैं ! गाँव मे एक बहुत बड़ी बस्ती आदिवासी समाज की भी रहता हैं ! गाँव के ज़्यादातर लोगों का मुख्य करोबार खेती करना होता हैं, गाँव के गरीब और आदिवासी लोग अमीरों के यहाँ महनत मज़दूरी या सालदारी कर के अपने परिवार का पालनपोशन करते हैं ! मगर गाँव के उच्च ज़ाती के लोगों का इन पर ज़ुल्मो सितम होता रहता है, और ये गरीब मज़दूर और आदिवासी लोग ख़ामोशी से सहते रहते हैं. किसी की उन के सामने ज़बान खोलने की हिम्मत नहीं होती, ये सिलसिला यूं ही बरसों से चला आ रहा है और आज भी चल रहा हैं ! इसी गाँव मे मराठा समाज से ताल्लुक रखने वाला विश्वाश भी रहता है, जो एक स्कूल मास्टर है, जिस की गाँव के गरीब और खास कर आदिवासियों मे बहुत इज्ज़त है, किंवकि वो हमेशा किसी भी समाज कार्य मे लोगों की मदत किया करता है ! पर गाँव मे प्र
Marathi laa ABHIJAT Bhashecha darja